दोस्तों! Abraham Lincoln Biography in Hindi लेख के माध्यम से हम जानेंगे अमेरिका के 16 वें और सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के बारे में। जिन्होंने अपनी सोंच और संघर्ष से अमेरिका में दास प्रथा का अंत करवाया।
अब्राहम लिंकन को बहुत सारी असफलताओं को झेलने के बाद सफलता मिली थी। हम सभी लिंकन की जिंदगी से बहुत कुछ सीख सकते हैं। उन्हें अपनी जिंदगी इतनी असफलता मिली कि उनकी जगह कोई और होता तो शायद वह हार मान जाता।
लेकिन लिंकन ने कभी हार नहीं मानी और जीवन के अंत तक दास प्रथा के विरोध में लड़ते रहे। तो आइये जानते हैं अब्राहम लिंकन के संघर्ष की कहानी विस्तार से…।
अब्राहम लिंकन की जीवनी (Abraham Lincoln Biography in Hindi)
नाम | अब्राहम लिंकन |
जन्म | 12 फ़रवरी 1809 |
जन्म स्थान | हार्डिन काउंटी, केंटुकी राज्य, अमेरिका |
शिक्षा | खुद से वकालत की पढाई की (कभी स्कूल कॉलेज नहीं गए) |
पेशा | राजनीतिज्ञ ( अमेरिका के 16 वें राष्ट्रपति ) |
पिता | थॉमस लिंकन |
माता | नैन्सी लिंकन |
बहन | सारा लिंकन |
पत्नी | मैरी टॉड |
बच्चे | रोबर्ट लिंकन और 3 अन्य बच्चे थे ( 2 की मौत बाल्यकाल में ही हो गयी थी और एक बच्चे की मौत 18 वर्ष की आयु में हुई ) |
निधन | 15 अप्रैल 1865 |
जन्म और परिवार (Abraham Lincoln Birth and Family)
अब्राहम लिंकन का जन्म 12 फ़रवरी 1809 को अमेरिका के केंटुकी राज्य के हार्डिन काउंटी नाम की जगह में हुआ था।उनके पिता का नाम थॉमस लिंकन और माता का नाम नैन्सी लिंकन था। अब्राहम लिंकन के माता-पिता इंग्लैंड से अमेरिका आये थे। उनके पिता एक किसान थे। और, साथ में लकड़ी का काम भी करते थे।
अब्राहम लिंकन की एक बड़ी बहन भी थी जिसका नाम सारा लिंकन था। अब्राहम लिंकन का परिवार खुद के द्वारा बनाये गए एक लकड़ी के घर में रहता था। उनका जीवन बहुत ही गरीबी में बीता था।
आरंभिक जीवन (Abraham Lincoln Earlier Life)
अब्राहम लिंकन के जन्म के दो साल बाद ही जमीन के विवाद के कारण उन्हें वह जगह छोड़नी पड़ी और वे नॉब क्रीक फार्म नाम की जगह पर आ गए। यहाँ पर भी उनके पिता ने खेती का काम किया। लेकिन कुछ समय बाद यहाँ पर भी उन्हें जमीन का विवाद झेलना पड़ा और उन्हें इस जगह को भी छोड़कर जाना पड़ा।
सन 1816 में उनका परिवार इंडिआना के ओहियो नदी के किनारे आकर रहने लगा। यहाँ पर उन्होंने घने जंगल में खेती का काम किया। वहाँ पर अभी भी उनके खेतों और घर को एक स्मारक के रूप में सुरक्षित रखा गया है।
अपनी घर की खराब आर्थिक स्थिति के कारण वो स्कूल नहीं जा सके और उन्हें अपने पिता के साथ खेतों में काम करना पड़ता। लेकिन उनको पढ़ने का बहुत शौक था। इसलिए वे बचपन में अपने दोस्तों से किताबें मांगकर पढ़ा करते थे।
अब्राहम लिंकन के पिता का व्यवहार उनके साथ बहुत बुरा था। उनके पिता उन्हें बहुत पीटते थे। कभी उनके पिता उनको इतना पीट देते कि अब्राहम बेहोश तक हो जाते। क्योकि लिंकन को पढ़ने का शौक था इसलिए उनका खेतों में काम करने में ज्यादा मन नहीं लगता था। उनके पिता को बिलकुल पसंद नहीं था की अब्राहम पढ़ाई करे।
सन 1818 में जब लिंकन मात्र 9 साल के थे तो उनकी माता की अचानक मौत हो गयी। जिससे लिंकन बहुत टूट गए थे। घर की परेशानियों को देखते हुए उनके पिता ने एक विधवा महिला सारा जॉनसन से शादी कर ली, उस महिला के 3 बच्चे पहले से थे।
अब्राहम लिंकन को उनकी सौतेली माँ बहुत ज्यादा प्यार करती थी उन्हीं ने अब्राहम को पढ़ना-लिखना सिखाया। अब्राहम भी अपनी सौतेली माँ को बहुत मानते थे। उन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद कहा भी था कि मैं जो कुछ भी हूँ वो अपनी माँ की वजह से हूँ।
अब्राहम ने बचपन में सीखे बढ़ई के काम का इस्तेमाल करते हुए एक नाव बनाई जिससे वे माल ढोने का काम करते और इसके साथ-साथ लोगों के खेतों में काम भी करते, इससे उनका खर्च चल जाता था।
कुछ समय बाद उनकी एक दूकान में नौकरी लग गई। दूकान में काम करते हुए उन्हें पढ़ाई के लिए भी समय मिल जाता था।
वकालत की पढ़ाई
जब अब्राहम दूकान में काम करते थे तो उन्होंने खुद से वकालत की पढ़ाई शुरू की। इस बीच उन्हें पता चला की नदी के दूसरे पार कोई जज रहते है जिनके पास वकालत की किताबें हैं, इसके बाद अब्राहम उस जज के पास गए और उनसे वकालत की किताबें पढ़ने के लिए मांगे। इन किताबों को पढ़ने के लिए अब्राहम फ्री में उस जज के खेतो का काम भी कर देते थे।
अब्राहम लिंकन ने लगभग 20 साल वकालत की और लिंकन इतने नेक दिल इंसान थे कि वे गरीब लोगों का केस बिना पैसे लिए लड़ते थे। इसके साथ-साथ अब्राहम लिंकन पोस्टमैन की नौकरी भी करते थे।
असफलता (Abraham Lincoln Failure)
उस समय दास प्रथा चरम पर थी इसलिए दास प्रथा का अंत करने के लिए अब्राहम लिंकन ने राजनीति में आने की सोची। उन्होंने अपने जीवन में सफल होने के लिए बहुत सारी असफलताओ का सामना किया।
- 1831 में उन्होंने एक बिजनेस शुरू किया लेकिन इसमें वो असफल हो गए।
- 1832 में जब लिंकन मात्र 23 साल के थे तो उन्होंने विधान सभा का चुनाव लड़ा पर इसमें वो हार गए। इसके साथ उन्होंने अपने पोस्टमैन की नौकरी भी गंवा दी जिसके कारण उनको पैसों की बहुत दिक्कत आई।
- 1833 में उन्होंने अपने दोस्त से पैसे उधार लेकर फिर से बिजनेस शुरू किया लेकिन इस बार भी वे असफल रहे। उन्होंने अपने दोस्त के कर्ज को चुकाने के लिए 17 साल लगा दिए थे।
- 1834 में वे फिर से विधान सभा का चुनाव लड़े लेकिन इस बार उन्हें जीत मिली और इस जीत से लोग उन्हें जानने लगे थे। लेकिन अगले ही साल 1835 उनकी प्रेमिका की मौत हो गई और 1836 में वे डिप्रेशन का शिकार हो गए।
- 1838 में वह राज्य विधायक स्पीकर का चुनाव हार गए।
- 1843 औए 1848 में कांग्रेस के नॉमिनेशन के लिए नहीं चुने गए।
- 1854 और 1858 में वे सीनेट के लिए चुनाव लड़े और इसमें भी हार गए।
- 1856 में वे उपराष्ट्रपति का चुनाव हार गए। इस साल वह रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य भी बने।
राष्ट्रपति बने
इतनी सारी असफलताओं को झेलने के बाद अंततः 1860 में वे अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए और अमेरिका के 16 वें राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त हुए।
अब्राहम लिंकन ने राष्ट्रपति बनने के बाद दास-प्रथा का अंत किया और काले लोगों को गुलामी से मुक्ति दिलाई। दास-प्रथा का यह अंत कुछ गोरे लोगों को रास नहीं आया, जिसकी वजह से अमेरिका में ग्रह युद्ध की स्थिति बन गई।
अमेरिका के उत्तरी राज्य और दक्षिणी राज्यों के बीच बहुत भयंकर गृह युद्ध छिड़ गया, 5 दिन तक युद्ध चलने के बाद अब्राहम लिंकन ने इस युद्ध को बंद करने की घोषणा व्हाइट हाउस से की। उन्होंने अपने सूझ-बुझ से अमेरिका के टुकड़े होने से बचा लिया। जो उनके जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
अब्राहम लिंकन ने दुनिया को लोकतंत्र की परिभाषा दी। उनके अनुसार “लोकतंत्र जनता का जनता के द्वारा और जनता के लिए शासन है।” इस सिद्धांत को आज दुनिया के सारे लोकतांत्रिक देश मानते हैं।
वैवाहिक जीवन (Abraham Lincoln Wife)
जब लिंकन दुकान में काम करते थे तो उन्हें दूकान के मालिक की बेटी एन रूटलेज से प्यार हो गया लेकिन 1835 में एन रूटलेज की मृत्यू हो गई. उनके जाने के बाद लिंकन बहुत टूट गए थे. लिंकन उनका जिक्र अक्सर राष्ट्रपति बनने के बाद भी करते थे.
4 नवंबर 1842 को अब्राहम लिंकन ने मैरी टॉड से शादी की उनके 4 बच्चे हुए लेकिन रॉबर्ट लिंकन और टेड लिंकन ही ज़िंदा बचे. और 18 वर्ष की उम्र में टेड लिंकन की भी मौत हो गई.
अब्राहम लिंकन अपने पास चाकू रखने से डरते थे क्योंकि उन्हें डर लगता था कि वो कहीं खुद को ना मार ले.
निधन (Abraham Lincoln Death)
15 अप्रैल 1865 के दिन फोर्ड्स थियेटर में जाने माने अभिनेता जॉन विल्किस बूथ ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. लेकिन उन्होंने अपने जीवन काल में जो कार्य किया दुनिया उसे कभी नहीं भूल सकती.
अब्राहम लिंकन की जीवनी से सम्बंधित सामान्य प्रश्न
u003cstrongu003eQ – क्या अब्राहम लिंकन अश्वेत थे?u003c/strongu003e
जी हाँ, अब्राहम लिंकन अश्वेत थे. उनका जन्म एक अश्वेत परिवार में हुआ था.
u003cstrongu003eQ – क्या अब्राहम लिंकन कभी भारत आए थे?u003c/strongu003e
जी नहीं, अब्राहम लिंकन कभी भारत नहीं आये.
u003cstrongu003eQ – अब्राहम लिंकन की हत्या किसने की?u003c/strongu003e
अब्राहम लिंकन की हत्या 15 अप्रैल 1865 के दिन फोर्ड्स थियेटर में जाने माने अभिनेता जॉन विल्किस बूथ ने गोली मारकर की.
u003cstrongu003eQ – अब्राहम लिंकन किस देश के राष्ट्रपति थे?u003c/strongu003e
अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति थे.
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अंतिम शब्द,
अब्राहम लिंकन की जीवनी ( Abraham Lincoln Biography in Hindi ) से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं. अब्राहम लिंकन ने तमाम सारी समस्याओ और असफलताओ के बाद भी हार नहीं मानी. जब वे अमेरिका के राष्ट्रपति नियुक्त हुए तो उनकी जीत ने ये सिद्ध कर दिया की एक “सफल व्यक्ति हमेशा एक लूज़र ही होता है जो एक और बार कोशिस करता है. “