संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना
द्वितीय विश्वयुद्ध की विभीषिका एवं विनाश को देखते हुए भविष्य में विश्व को युद्ध से बचाए रखने के उद्देश्य से पुनः एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था की स्थापना की आवश्यकता महसूस की गई। इसे राष्ट्रसंघ से अधिक शक्तिशाली एवं प्रभावी बनाने का प्रयास किया गया।
- 12 जून 1941 को जेम्स पैलेस घोषणा जारी की गई।
- 14 अगस्त 1941 को ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल और अमेरिका के राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया जिसे अटलांटिक चार्टर कहा जाता है।
विश्व शांति स्थापना के लिए कुछ सिद्धान्तों का उल्लेख किया गया। इसके लिए अनेक सम्मेलन आयोजित किए गये। जैसे-
- 1943 में मास्को सम्मलेन,
- 1943 में ही तेहरान सम्मेलन,
- 1944 में अमेरिका सम्मेलन।
1944 में संयुक्त राज्य अमेरिका के सम्मेलन में अनेक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जैसे- सोवियत संघ, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन आदि के नेताओं का एक सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र संघ बनाने की योजना बनाई गई। 25 अप्रैल से 26 जून तक सन फ्रांसिस्को में एक अन्य सम्मेलन आयोजित किया गया, इस सम्मलेन में 50 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र अधिकार पत्र तैयार किया गया तथा इनके विभिन्न अंगों का वर्णन किया गया। चार्टर में 111 धाराएँ थीं। सम्मेलन में उपस्थित सभी राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने इस चार्टर पर हस्ताक्षर किए। 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र की विधिवत स्थापना की गई। संयुक्त राष्ट्र के प्रतीक के रूप में जैतून की डालियों के मध्य विश्व का मानचित्र प्रदर्शित किया गया है। 24 अक्टूबर को प्रति वर्ष संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय अमेरिका के न्यूयार्क में है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ का उद्देश्य-
- आत्मनिर्णय के सिद्धान्त के आधार पर सभी राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना तथा व्यापक शांति को प्रोत्साहित करने के लिए अपेक्षित कारवाई करना।
- जाति, भाषा, लिंग एवं धर्म का विभेद मिटाकर मानवमात्र की मौलिक स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए विभिन्न राष्ट्रों में आदर का भाव उत्पन्न करना।
- संयुक्त राष्ट्र को एक ऐसा केन्द्र बनाना जहाँ उपर्युक्त सभी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विभिन्न राष्ट्रों के बीच समन्वय स्थापित किया जा सके।
- अन्तर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना, शांति पर होनेवाले आक्रमणों को रोकना तथा आक्रमणों के विरुद्ध सामूहिक कार्रवाई करना, अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों को भंग करने वाली चेष्टाओं को दबाना एवं अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को न्यायपूर्ण ढंग से सुलझाना।
Note : 1919 ई० में पेरिस शांति सम्मेलन का आयोजन किया गया। 19 सदस्यों का एक आयोग गठित हुआ। इस आयोग ने 1919 में राष्ट्रसंघ के संविधान का प्रारूप प्रस्तुत किया।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रमुख अंग एवं संस्थाएँ
संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रमुख अंग निम्नलिखित हैं-
साधारण सभा
संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को साधारण सभा की सदस्यता प्रदान की गई है। साधारण सभा की बैठक प्रति वर्ष सितम्बर महीने में होती है। लेकिन इसका विशेष अधिवेशन बुलाया जाता है। प्रत्येक अधिवेशन के लिए एक नए सभापति का चुनाव होता है। महत्त्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। यह वार्षिक बजट पास करती है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के छः प्रधान अंग हैं –
- साधारण सभा
- सुरक्षा परिषद्
- आर्थिक एवं सामाजिक परिषद्
- न्यास परिषद्
- अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय
- सचिवालय
सुरक्षा परिषद्
सुरक्षा परिषद् की कुल सदस्य संख्या 15 है, जिसमें 5 स्थायी सदस्य होते हैं तथा 10 अस्थायी । पाँच स्थाई सदस्य हैं- चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन एवं संयुक्त राज्य अमेरिका ।
10 अस्थायी सदस्यों का चुनाव दो वर्षों के लिए साधारण सभा दो तिहाई बहुमत से करती है। सुरक्षा परिषद की बैठक 15 दिन में एक बार होती है। सुरक्षा परिषद का मुख्य कार्य अन्तर्राष्ट्रीय सम्बंध एवं व्यवस्था बनाए रखना है।
आर्थिक और सामाजिक परिषद्
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद् संयुक्त राष्ट्रसंघ की एक महत्त्वपूर्ण इकाई है। इसमें 54 सदस्य होते हैं। इस परिषद् का उद्देश्य विश्व को आर्थिक रूप से समृद्ध एवं न्याय संगत बनाना है। यह अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक सामाजिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक एवं स्वास्थ्य से संबंधित विषयों पर विचार करती है।
न्यास परिषद्
इस परिषद् का काम पराधीन उपनिवेशों की देखभाल करना है।
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रमुख अंग है। इसमें 15 न्यायाधीश होते हैं। इनका समय 7 वर्षों के लिए होता है। न्यायालय का प्रधान कार्यालय नीदरलैंड के हेग नामक नगर में है। न्यायालय को अन्तर्राष्ट्रीय संधियों, समझौता और परम्पराओं से संबंधित विवादों की व्याख्या और उनपर निर्णय देने का अधिकार होता है।
सचिवालय
संयुक्त राष्ट्र के कार्यों को क्रियान्वित करने के लिए सचिवालय की स्थापना की गई है। यह सचिवालय न्यूयार्क में स्थित सचिवालय के प्रधान को महासचिव कहा जाता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रमुख संस्थाएँ हैं-
अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संघ
इस संस्था की स्थापना प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गई थी। इसका मुख्यालय स्वीटजरलैंड के जेनेवा नगर में है। इसका मुख्य उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर श्रमिकों के हितों की रक्षा करना है।
शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक संगठन
इस संस्था की स्थापना 1946 में की गई थी। इसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है। इसका मुख्य उद्देश्य सभी सदस्य देशों में शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर विश्व में शांति व्यवस्था कायम रखना है।
खाद्य एवं कृषि संगठन
खाद्य एवं कृषि संगठन की स्थापना 1945 ई० में हुई। इसका प्रधान कार्यालय इटली की राजधानी रोम में है। इनका मुख्य कार्य- कृषि उत्पादन की तकनीक को विकसित करना और भोजन की समस्या का समाधान करना है।
अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण
इस संस्था की स्थापना 1957 ई० में आस्ट्रिया की राजधानी वियना में की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य परमाणु शक्ति को शांतिपूर्ण कार्यों में प्रयुक्त करना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन
इस संगठन की स्थापना 1948 ई० में हुई थी इसका प्रधान कार्यालय जेनेवा में है। इसका मुख्य उद्देश्य मानव जाति को रोगों से मुक्त रखना है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के अन्य संगठन हैं-
- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
- अन्तर्राष्ट्रीय उड्डयन संघ
- सार्वभौम डाक संघ
- अन्तर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ
- विश्व ऋतु विज्ञान
- विश्व बैंक
- विश्व शरणार्थी संगठन
- विश्व व्यापार संगठन
Note : (1) 10 फरवरी 1946 को लंदन के वेस्टमिनिस्टर सभा भवन में पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ की साधारण सभा की बैठक हुई।
(2) द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् चले आ रहे शीत युद्ध को समाप्त करने में भी संयुक्त राष्ट्र संघ की केन्द्रीय भूमिका रही है।
(3) कोई भी देश संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बन सकता है, परन्तु इसके लिए सुरक्षा परिषद् की सिफारिश आवश्यक है ।