Thomas Alva Edison Biography in Hindi : “मैं असफल नहीं हुआ हूँ बल्कि मैंने सिर्फ 10,000 ऐसे तरीके ढूंढे हैं जो बल्ब बनाने में काम नहीं आयेंगे।” ये कहना है सदी के महानतम वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन का। यह उद्धरण चुनौतियों के सामने एडिसन की दृढ़ता और दृढ़ इच्छा शक्ति को दर्शाता है। यही कारण है कि उन्होंने एक के बाद एक 1093 खोज करके एक विश्व रिकॉर्ड बनाकर सबको चौका दिया था। बिजली का बल्ब उनकी सबसे बड़ी खोज मानी जाती है, लेकिन उन्होंने इन खोजों को करने के लिए इतनी बार असफलता झेली कि कोई भी आम इंसान शायद ही इतनी असफलता झेलने के बाद कोशिश करना जारी रखता। थॉमस अल्वा एडिसन एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक सफल उद्योगपति भी थे।
उनको छोटी उम्र में ही स्कूल से निकाल दिया गया था, लोग उन्हें मंद बुद्ध समझते थे, रेलगाड़ी में काम करते समय एक कर्मचारी ने उनको इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि उनकी सुनने की क्षमता कम हो गयी। लेकिन थॉमस अल्वा एडिसन ने अपने बचपन में घटित सारी घटनाओ को सकारात्मक रूप में लिया और खुद को इतना महान बनाया। तो दोस्तों आइये, जानते हैं थॉमस अल्वा एडिसन की पूरी जीवनी विस्तार से।
थॉमस अल्वा एडिसन की कहानी
नाम | थॉमस अल्वा एडिसन |
जन्म | 11 फ़रवरी 1847 |
जन्म स्थान | मिलान, ओहियो, अमेरिका |
पेशा | वैज्ञानिक और उद्योगपति |
शिक्षा | बचपन में स्कूल से निकाल दिया था. |
पिता | सैमुएल एडिसन |
माता | नैंसी एडिसन |
भाई बहन | 6 भाई-बहन, सभी बड़े |
पत्नी | मैरी स्टिलवेल (1871- 1884), मिना मिलर |
बच्चे | पहली पत्नी से (बेटे – विलियम एडिसन, थॉमस जूनियर एडिसन, बेटी – मैरियन एडिसन) दूसरी पत्नी से (बेटे – थियोडर एडिसन, चार्ल्स एडिसन, बेटी – मैडरिन एडिसन) |
निधन | 18 अक्टूबर 1931 |
थॉमस अल्वा एडिसन का आरंभिक जीवन
थॉमस अल्वा एडिसन का जन्म 11 फ़रवरी 1847 को अमेरिका के ओहियो राज्य के मिलान नामक शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम सैमुएल एडिसन और माता का नाम नैंसी एडिसन था। थॉमस अल्वा एडिसन के सात भाई बहन थे, जिनमे से वे सबसे छोटे थे।
जब थॉमस अल्वा एडिसन की उम्र स्कूल जाने योग्य हुई तो उनके माता-पिता ने उनका दाखिला एक पास के स्कूल में करा दिया, लेकिन मात्र 3 महीने स्कूल जाने के बाद उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया। क्योंकि वे बहुत जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे, और अध्यापकों से अजीब-अजीब प्रकार के सवाल पूछा करते थे, जिससे अध्यापकों को ये लगता था कि एडिसन की मानसिक हालत ठीक नहीं है।
जब उन्हें स्कूल से निकाला गया तो उनकी माँ को स्कूल की तरफ से एक खत मिला था। एडिसन के पूछने पर उनकी माँ ने रोते हुए उन्हें बताया, इसमें लिखा है कि “तुम्हारा बच्चा बहुत होशियार है, हमारे स्कूल में इतने शिक्षित अध्यापक नहीं है जो आपके बच्चे को पढ़ा सके इसलिए आप इसे स्वय पढ़ाये।”
लेकिन वर्षों बाद एडिसन जब फुर्सत के पलों में बैठे थे तो उन्हें वही खत मिला जो उन्हें वर्षों पहले स्कूल से मिला था और जिसमें लिखा था “आपका बच्चा मंदबुद्धि बालक है, अब उसे कभी स्कूल में मत भेजे।” इस खत को पढ़ने के बाद एडिसन बहुत रोये थे। उन्होंने एक डायरी में लिखा भी है- “एक महान माँ ने एक मंदबुद्धि बालक को सदी का महान वैज्ञानिक बना दिया।”
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थॉमस अल्वा एडिसन की बचपन की कहानी
थॉमस अल्वा एडिसन बचपन में इतने जिज्ञासु थे कि वे हर चीज को बारीकी से समझना चाहते थे। एक बार जब उन्होंने देखा कि चिड़िया कीड़े-मकोड़े खाती है, तो उन्हें लगा कि चिड़ियां कीड़े-मकोड़े खा कर उड़ती होगी। तो उन्होंने अपने एक दोस्त को कीड़े-मकोड़े खिला दिए कि वह भी उड़ सके। लेकिन वह उड़ तो नहीं सका लेकिन वह बहुत बीमार हो गया। जिसकी वजह से एडिसन को घर में बहुत पिटाई भी खानी पड़ी और लोग उनके साथ अपने बच्चों को भेजने से कतराते थे।
स्कूल से निकाले जाने के बाद एडिसन की माँ ने उन्हें पढ़ाया। एडिसन की माँ ने उन्हें एक रसायन विज्ञान की किताब पढ़ने के लिए दी थी, जिसको पढ़ने के बाद एडिसन ने मात्र 10 वर्ष की आयु में ही घर पर प्रयोगशाला खोल ली थी, लेकिन कुछ समय बाद परेशान होकर उनकी माँ ने उनका सामान बाहर फेंक दिया।
इसके बाद एडिसन ने नई प्रयोगशाला खोलने के लिए पैसे एकत्र करने के लिये फलों और समाचार पत्रों को बेचने का काम शुरू किया। वे रेलवे स्टेशन पर समाचार-पत्र बेचा करते थे। इसी दौरान 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने रेलगाड़ी के एक खाली डिब्बे में ही अपनी एक प्रयोगशाला बना ली थी।
लेकिन एक बार प्रयोग करते समय उनकी प्रयोगशाला में आग लग गयी, इस बात पर रेलवे स्टेशन के एक कर्मचारी ने उन्हें इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि उनकी सुनने की शक्ति कम हो गयी। लेकिन एडिसन ने इस घटना को भी सकारात्मक रूप में लिया, उन्हें लगा कि अब से उन्हें लोगों की बेकार की बाते नहीं सुननी पड़ेगी।
जब एडिसन 15 साल के हुए तब इन्होने खुद के समाचार-पत्र छापने शुरु कर दिए थे और इसके बाद एडिसन कुछ समय तक समाचार-पत्र को बेचकर अपनी जीविका चलाते और बाकी बचे समय में अपना प्रयोग करते।
इसके बाद एडिसन 1866 में केंटुकी चले गए और वहाँ पर एक प्रेस ब्यूरो में काम करने लगे, जहाँ पर एडिसन रात में काम करते थे और दिन में अपने प्रयोगों को करते रहते थे। लेकिन, कुछ समय बाद उन्होंने ये नौकरी छोड़कर अपनी प्रयोगशाला बनाने का निर्णय लिया।
थॉमस अल्वा एडिसन के अविष्कार
नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने अपना पहला अविष्कार किया जो एक इलेक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर था। इसका पेटेंट उन्होंने 1868 में किया था। उनके इस अविष्कार को उतनी ज्यादा सफलता नही मिल पायी थी। लेकिन उन्होंने प्रयोग करना जारी रखा और 6-7 सालों में अनेक अविष्कार किये। जिनमे ग्रामोफोन, माइक्रोफोन, मूवी कैमरा, फैक्स मशीन आदि थे।
उनकी सबसे बड़ी सफलता बिजली के बल्ब का अविष्कार था। अपने इस खोज पर उन्होंने 1877 से काम करना शुरू कर दिया था। इस दौरान उन्हें लगभग 10 हजार से अधिक बार असफलता का सामना करना पड़ा। इतनी सारी असफलताओं के बाद भी उन्होंने अपना प्रयोग जारी रखा और अनन्तः 21 अक्टूबर 1879 को जाकर उन्हें सफलता मिली। और, इसके बाद एडिसन दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गए।
इसके बाद भी एडिसन ने अपना प्रयोग जारी रखा और एक के बाद एक नए खोज करते रहे। उन्होंने अपने पुरे जीवनकाल में 1093 अविष्कार किये है। जिसमें चलचित्र कैमरा, कार्बन माइक्रोफ़ोन, फोनोमोटर, कीनेटोग्राफ आदि प्रमुख हैं।
थॉमस अल्वा एडिसन का वैवाहिक जीवन
1871 में जब एडिसन 24 साल के थे तब उन्होंने अपने से 8 साल छोटी मैरी स्टिलवेल से शादी कर ली। जिससे उनके 3 बच्चे, 2 लड़के और 1 लड़की हुए, जिनके नाम विलियम, थॉमस जूनियर और मैरियन था। 1884 में मैरी स्टिलवेल की बीमारी की वजह से मौत हो गयी।
जिसके बाद एडिसन ने 1886 में मिना मिलर नाम की एक महिला से शादी कर ली। उनसे भी 3 बच्चे थियोडर, चार्ल्स और मैडरिन हुए। मिना मिलर अंतिम समय तक उनके साथ रही।
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थॉमस अल्वा एडिसन की मृत्यु
एडिसन अपने आखिरी समय में भी प्रयोग कर रहे थे। 18 अक्टूबर 1931 के दिन थॉमस अल्वा एडिसन इस संसार को अलविदा कहकर चले गए। एडिसन के महान खोजों ने उन्हें हमेशा के लिए अमर बना दिया।
FAQ : Thomas Alva Edison Biography in Hindi
Q. एडिसन ने कुल कितने आविष्कार किये?
एडिसन ने अपने पूरे जीवनकाल में कुल 1093 आविष्कार किये, इन्हीं में से एक आविष्कार बिजली का बल्ब भी है।
Q. बिजली के बल्ब का आविष्कार किसने किया?
थॉमस अल्वा एडिसन ने बिजली के बल्ब का आविष्कार किया।
Q. 10 हजार से अधिक बार असफल होने पर एडिसन ने क्या कहा?
10 हजार बार बिजली के बल्ब को बनाने में असफल होने पर एडिसन ने कहा था कि “मैं फेल नहीं हुआ बल्कि मैंने 10 हजार ऐसे तरीके निकाले जो मेरे काम ना आ सके।”
Q. थॉमस अल्वा एडिसन की मृत्यु कैसे हुई?
18 अक्टूबर 1931 के दिन 84 वर्ष की आयु में एडिसन की मृत्यु डायबिटीज़ कीपरेशानियों के चलते हुई थी।
अंतिम शब्द
थॉमस अल्वा एडिसन के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि चाहे हम कितनी भी बार असफल हो जायें लेकिन हमें कभी भी प्रयास करना नहीं छोड़ना चाहिए।
तो यह थी सदी के महान अविष्कारकों में से एक थॉमस अल्वा एडिसन की जीवनी जिसे हम Thomas Alva Edison Biography in Hindi कहेंगे।
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