Nelson Mandela Biography in Hindi – दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने काफी संघर्षों के बाद रंग – भेद की निति को ख़त्म किया. यह करना इतना आसान नहीं था इसके लिए उन्हें अपनी जिंदगी के 28 साल जेल में गुजारे. उन्होंने बिना हथियार उठाये ये काम कर दिखाया था. वे महात्मा गाँधी को अपना आदर्श मानते थे और उन्हीं के नक़्शेक़दमों पर चलते थे, इसलिए उन्हें दक्षिण अफ्रीका का महात्मा गाँधी कहा जाता है.
यह बात उस समय की है , जब पूरी दुनिया में रंगभेद निति चरम पर थी. उस समय दुनिया में लोगों के साथ उनके रंग के आधार पर बर्ताव किया जाता था , हर सुविधाए रंग के आधार पर बटी थी. गोरे लोगों को अच्छी सुविधा और काले लोगों को सबसे बुरी सुविधा मिलती थी. वैसे इसका प्रभाव दुनिया के सभी देशों में था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में इसका प्रभाव सबसे ज्यादा था.
उस समय दक्षिण अफ्रीका की बड़ी आबादी काले लोगों की थी , और उनकी मेहनत से ही देश की अर्थव्यवस्था चलती थी. लेकिन सारी अच्छी सुविधाएँ गोर लोगों को मिलती थी. लेकिन नेल्सन मंडेला ने इसका विरोध किया और रंग – भेद की निति को जड़ से ख़त्म किया. आइये जानते है नेल्सन मंडेला के जीवन और संघर्ष के बारे में विस्तार से.
Nelson Mandela Biography in Hindi
नाम | नेल्सन मंडेला |
जन्म | 18 जुलाई 1918 |
जन्म स्थान | Mvezo, दक्षिण अफ्रीका |
पेशा | राजनीतिज्ञ ( दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ) |
शिक्षा | BA की शिक्षा और वकालत की पढाई |
स्कूल / कॉलेज का नाम | क्लार्कबेरी मिशिनरी स्कूल / मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल / फोर्ट हरे कॉलेज / दक्षिण अफ्रीका विश्व विद्यालय / University of Witwatersrand जोहान्सबर्ग |
पिता | Gadla Henry Mphakaaniswa |
माता | Noqaphi Nosekeni |
भाई – बहन | 12 भाई बहन |
पत्नी | एल्विन नैटको मेस , विनी मंडेला , ग्रेसा मैचल |
बच्चे | 3 लड़के और 3 लड़कियां |
निधन | 5 दिसम्बर 2013 |
नेल्सन मंडेला का जन्म और परिवार
नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रीका के Mvezo नाम के गांव में हुवा था. उनके पिता का नाम Gadla Henry Mphakaaniswa और माता का नाम Noqaphi Nosekeni था.
नेल्सन मंडेला एक शाही परिवार से थे. इनके पिता भी अपने गांव के चीफ थे. मंडेला के पिता ने चार शादिया की थी और उनके तेरह बच्चे थे. मंडेला की माँ उनकी तीसरी पत्नी थी. मंडेला का जन्म का नाम रोलिहला था लेकिन बाद में मंडेला के एक अध्यापक ने इनका नाम नेल्सन रख दिया था. मंडेला बचपन में शरारती स्वभाव के थे.
नेल्सन मंडेला का आरंभिक जीवन
1926 में मंडेला के पिता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के कारण इनको गांव से निकाल दिया था , जिसके बाद ये कुनु नाम के एक गांव में आकर रहने लगे. लेकिन जब मंडेला मात्र 12 साल के थे तो उनके पिता की मौत फेफड़ों के कैंसर की वजह से हो गयी थी. पिता की मौत के बाद उनका पूरा परिवार बिखर गया.
नेल्सन मंडेला की देखभाल करने के लिए उनकी माँ के अतिरिक्त कोई नहीं था , इसलिए उनकी माँ ने नेल्सन मंडेला को उनके पिता के दोस्त जोगिनताबा के पास रहने के लिए दे दिया , उन्होंने ही नेल्सन मंडेला की देखभाल की. उन्होंने नेल्सन मंडेला को अपने बेटे की तरह पाला.
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नेल्सन मंडेला की शिक्षा
नेल्सन मंडेला अपने परिवार के पहले सदस्य थे जो स्कूल गए. नेल्सन मंडेला ने अपनी आरंभिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशिनरी स्कूल से पूरी की. आगे की स्कूली शिक्षा उन्होंने मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से ली.
1937 में नेल्शन मंडेला ने आगे की पढ़ाई हेल्ड टाउन कॉलेज से की. 2 साल बाद 1939 में उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए फोर्ट हरे कॉलेज में दाखिला लिया लेकिन वहां उन्होंने छात्रों के साथ मिलकर गोरे लोगों के विरुद्ध प्रदर्शन किया जिसके बाद उन्हें कॉलेज से निकाल दिया.
इसके बाद उन्होंने 1942 में दक्षिण अफ्रीका विश्व विद्यालय से उन्होंने BA की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद 1943 में नेल्सन मंडेला वकालत की पढाई करने जोहान्सबर्ग के University of Witwatersrand आ गए , जहा इन्होने 1949 में वकालत की पढ़ाई पूरी की.
नेल्सन मंडेला का राजनितिक जीवन
1941 में जब नेल्सन मंडेला जब जोहान्सबर्ग गए तो वह अपना जीवनयापन करने के लिए क्लर्क की नौकरी करने लगे. 1944 में उन्होंने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की , जिसने पहले से ही रंग – भेद निति के खिलाफ आंदोलन चलाया था.
इसी साल उन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग की स्थापना की और 1947 में उन्हें इस पार्टी का सचिव बनाया गया.
1961 में उनके और उनके कुछ दोस्तों के खिलाफ देशद्रोह के जुर्म में जेल भेज दिया गया , लेकिन कुछ समय बाद वे निर्दोष साबित हो गए और उन्हें छोड़ दिया गया.
लेकिन अगस्त 1962 में उन्हें मजदूरों को हड़ताल के लिए उकसाने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया , और उन पर मुकदमा चला. 12 जुलाई 1964 को उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गयी और उन्हें सजा काटने के लिए रोबेन द्वीप के जेल भेज दिया गया.
लेकिन उन्होंने तब भी हार नहीं मानी और जेल में काले कैदियों को उनके अधिकारों के बारे में बताया और उन्हें लड़ना सिखाया. जब वो जेल में थे उनके पार्टी ने भी बहुत कोशिशे की उन्हें छुड़ाने की लेकिन वे असफल ही रहे.
जब वे जेल में थे थो उन्हें तीन बार जेल से रिहा करने का ऑफर मिला , और उसमे शर्त यह रखी गयी कि उन्हे अपने द्वारा किये गए कार्यों को गलत मानना पडेगा. लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया , क्योकि उन्हें रिहा किये जाने की यह शर्त मंजूर नहीं थी.
अपने 27 साल जेल में बिताने के बाद 11 फ़रवरी 1990 को दक्षिण अफ्रीका में सरकार बदलने के कारण उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया. दरसल उस समय अफ्रीका की नयी सरकार ने ये फैसला लिया कि जिन्होंने मर्डर जैसे बड़े अपराध नहीं किये हैं उन्हें जेल से रिहा कर दिया जायेगा.
1994 में दक्षिण अफ्रीका में चुनाव हुए जिसमे काले लोग भी भाग ले सकते थे. इस चुनाव में नेल्सन मंडेला अपने पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उमीदवार बने और इस चुनाव में उन्होंने 62 % मत प्राप्त किये. 10 मई 1994 को नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रपति चुना गया. वे दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने.
नेल्सन मंडेला ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपने देश में रंग – भेद की निति ख़त्म कर दी. वे 1999 तक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे. उन्होंने काले लोगो के हित में बहुत ही सराहनीय कार्य किये.
नेल्सन मंडेला को मिले पुरस्कार
- 1990 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया वे भारत रत्न प्राप्त करने वाले दूसरे विदेशी व्यक्ति थे.
- 1993 में उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार मिला.
- 2008 में उन्हें गाँधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
नेल्सन मंडेला का वैवाहिक जीवन
अगर बात करे उनके निजी जीवन की उन्होंने 1944 में एल्विन नैटको मेस से शादी की. लेकिन 1957 में उनका तलाक हो गया.
इसके बाद अगले ही साल 1958 में उन्होंने विनी मंडेला से शादी की , लेकिन 1996 में उनसे भी उनका तलाक हो गया.
इसके 2 साल बाद 1998 में उन्होंने ग्रेसा मैचल से शादी की जो उनके जीवन के अंत तक उनके साथ रही. अपनी 3 पत्नियों से उनके 6 बच्चे 3 लडके और 3 लड़किया हुई.
नेल्सन मंडेला का निधन
नेल्सन मंडेला अपनी पूरी जिंदगी काले लोगों के हित में लड़ते रहे और दाक्षिण अफ्रीका में काले लोगों को उनका अधिकार दिलाने के बाद 5 दिसम्बर 2013 को 95 साल की उम्र में वे दुनिया को अलविदा कह गए.
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अंतिम शब्द
नेल्सन मंडेला की जीवनी (Nelson Mandela Biography in Hindi) से हमें यह सीख मिलती है कि हम कभी भी कुछ भी कर सकते हैं. हमारी उम्र कोई मायने नहीं रखती है अगर हमारे इरादे मजबूत हो. आपको मेरे द्वारा लिखी गयी नेल्सन मंडेला की कहानी पसंद आई तो इसे शेयर जरुर करें.