दिल्ली के जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों की धरना | Women Wrestlers Protest in Delhi’s Jantar-Mantar

Wrestlers Protest in Jantar Mantar : पहलवानों ने क्यों किया विरोध और आखिर क्यों जंतर-मंतर में दिया धरना। इसके पीछे क्या वजह हो सकती है कि देश के लिए ओलिंपिक मेडल जीतकर लानेवाले पहलवान जिनमें बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट जैसे नाम शामिल हैं। इनको अपनी मांगे पूरी करने के लिए जंतर-मंतर पर आकर सरकार से गुहार लगानी पड़ रही है। आइये, जानते है पूरी खबर। हम आपको पूरी जानकारी विस्तार से देंगे, इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।

पहलवानों ने क्यों दिया धरना

इस कहानी की शुरुवात होती है जनवरी 2023 से, जब लखनऊ मे एक International Wrestlers Camp लगाया जाना था लेकिन कुछ महिला पहलवानों ने बताया कि यह कैंप लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं है, क्योंकि उनके पास कुछ आपत्तिजनक फोन कॉल्स आ रहे थे।

इस बात की खुलासा विनेश फोगाट ने अपने एक Interview के दौरान किया कि 2-3 लड़कियां है जिनके पास सबूत है इस बात को साबित करने के लिए की उसके साथ Sexual Harassment हो रहा है। कुछ दिनों बाद 6-7 लडकियाँ और सामने आई  जिनके पास ऐसे ही सबूत थे। जिसके बाद कई महिला पहलवान सामने आई और उन्होने इस चल रहे Protest में शामिल हुई।

यहाँ इन महिला पहलवानों ने यह भी कहा कि भारतीय कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने उनके साथ Sexually Assault किया है। बृजभूषण सिंह केवल भारतीय कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष ही नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े और पार्टी के प्रभावशाली नेता भी हैं।

दोस्तों! आप जानते हैं कि इस धरने की शुरुआत 18 जनवरी 2023 से हुई थी, जब कुछ भारतीय महिला पहलवान जिनमें बजरंग पुनिया, साक्षी मालिक, विनेश फोगट जैसे और भी जाने-माने पहलवान जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे।

जिस पर भारतीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने पहलवानों से बात की। उनकी बात सुनी, और पहलवानों को आश्वासन दिया कि उनके द्वारा लगाए गए आरोपों पर जांच होगी।जिसके बाद पहलवानों ने धरना ख़त्म कर दिया। 23 जनवरी 2023 को अनुराग ठाकुर ने पहलवानों द्वारा लगाये गए आरोपो की जांच करने के लिए एक समिति बनाई।

अप्रैल में बैठे पहलवान दुबारा धरने पर

अप्रैल के महीने में ही समिति द्वारा जांच की रिपोर्ट जारी कर दी गई। लेकिन, उसे सार्वजनिक नहीं किया गया। जिसके बाद 23 अप्रैल को भारतीय पहलवान फिर जंतर-मंतर पहुंचे और 24 अप्रैल 2023 को पहलवानों ने दिल्ली पुलिस के पास बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई। लेकिन, दिल्ली पुलिस ने इस FIR को दर्ज नहीं किया।

इसके बाद पहलवानों ने अपनी आवाज सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाई, और 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की। ये सभी पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग करने लगे और प्रदर्शन जारी रखा। दूसरी तरफ बृजभूषण खुद को निर्दोष बताते रहे।

मई में तेज हुआ पहलवानों का आक्रोश

3 मई को पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसके बाद 8 मई के दिन कई प्रदेशों के किसान संगठन पहलवानों के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंचे।

11 मई के दिन एक नाबालिक महिला पहलवान ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करवाया, और इस दिन खिलाडियों ने सर पर काली पट्टी बांधकर Black Day मनाया। 21 मई के दिन हरियाणा के रोहतक में खाप पंचायत हुई जिसमें बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की गयी।

28 मई के दिन संसद भवन के उद्घाटन के समय पहलवानों ने मार्च करने की कोशिश भी की लेकिन उसी वक्त पुलिस ने पहलवानों को अपनी हिरासत में ले लिया और जंतर-मंतर से उनका सारा सामान हटा दिया। रात होने से पहले ही सारे पहलवानों को पुलिस ने छोड़ दिया था, कुछ पहलवानों के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई।

दिल्ली पुलिस कहती है की पहलवान जंतर-मंतर के अलावा किसी अन्य स्थान पर धरने की अनुमति मांगेंगे तो उन्हें अनुमति दे दी जाएगी लेकिन उन्हें जंतर-मंतर में प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

बृजभूषण सिंह ने पहलवानों के धरने पर क्या कहा

पहलवानों के द्वारा किये जा रहे इस धरने पर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने कहा कि उन पर लगाये गए सारे आरोप बेबुनियाद और गलत है, और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर एक भी महिला पहलवान मेरे खिलाफ आरोप साबित कर दे तो मैं फांसी पर लटकने के लिए तैयार हूँ।

इसके अलावा बृजभूषण सिंह यह भी कहते रहे कि केवल एक ही परिवार के पहलवान आगे क्यों आ रहे हैं, उनके समर्थन में अन्य पहलवान क्यों नहीं हैं। बृजभूषण सिंह ने इस धरने को एक राजनीतिक मुद्दा बताया, और कहा कि कुछ लोगों द्वारा उनकी छवि को ख़राब करने की कोशिस की जा रही है।

22 मई को बृजभूषण सिंह नार्को टेस्ट और लाई डिटेक्टर टेस्ट करवाने को तैयार हुए, साथ ही उन्होंने यह शर्त भी रखी कि विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया भी यह टेस्ट करवायेंगे।

आखिर कौन है बृजभूषण सिंह

बृजभूषण सिंह एक भारतीय राजनेता है जो भारतीय जनता पार्टी से कैसरगंज लोक सभा क्षेत्र से सांसद हैं। बृजभूषण सिंह कैसरगंज से 6 बार सांसद बन चुके हैं, 5 बार वे भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़े और एक बार समाजवादी पार्टी से। बृजभूषण सिंह गौंडा उत्तर प्रदेश से हैं, और उनका जन्म 8 जनवरी 1957 को हुआ था।

बृजभूषण सिंह का राजनीतिक करियर कई विवादों से जुड़ा हुआ है, उनके खिलाफ कई क्रिमिनल रिकॉर्ड रह चुके हैं जिसमें मर्डर और दाऊद इब्राहिम गिरोह के शूटरों को शरण देने के आरोप भी शामिल है। मर्डर की बात को खुद बृजभूषण सिंह ने लल्लन टॉप पर कबूला भी था। हालाँकि, सबूतों के अभाव के कारण उन्हें बरी कर दिया गया। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 1974 और 2007 के बीच बृजभूषण सिंह के खिलाफ 38 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे।

बृजभूषण सिंह लखनऊ में पहलवानों के लिए हमेशा ही टूर्नामेंट आयोजित करते हैं क्योंकि वह भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष है। उसका अंतिम International Wrestlers Camp जनवरी 2023 मे लगाया जाना था लेकिन धरने के चलते उसे रद्द कर दिया गया।

अंत में

दोस्तो हमने यहाँ Wrestlers Protest के बारे में जो जंतर मंतर मे चल रहा था, उसकी जानकारी विस्तार से जानी है और जाना कि आखिर पूरा मामला क्या था? और, आखिर क्यों पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना दिया?

ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि क्या अब भी माँ-बाप अपनी बेटियों को स्पोर्ट्स मे जाने की अनुमति देंगे? क्या हमारी बहन, बेटियाँ सुरक्षित है?

बात सिर्फ कुश्ती खेल रही महिला खिलाड़ियो की नहीं है, बात है हमारे देश की बेटियों की, जो अपने देश की शान बढाने के लिए कड़ी मेहनत कर मेडल जीत रही है। ऐसे में उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है। इसलिए सरकार को जल्द-से-जल्द इस मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और आरोपियों को कठोरतम सजा देनी चाहिए।